Current Topic 04 – 08 – 2021
★ प्रसिद्ध कथकली प्रतिपादक वासुदेवन नंबूथिरी का हुआ निधन
√ 02 अगस्त, 2021 को पौराणिक कथकली प्रतिपादक नेल्लीयोडु वासुदेवन नंबूथिरी का 81 साल की आयु में कैंसर की वजह से निधन हो गया है ।
√ वे शास्त्रीय नृत्य नाटक में नकारात्मक चुवन्ना पात्रों के लिए पहचाने जाते थे ।
√ काली, दुशासन और बकन जैसे नकारात्मक पात्रों के अलावा वे कुचेलन जैसी पवित्र भूमिका निभाने वालों के लिए भी जाने जाते थे ।
√ नंबूथिरी संस्कृत पर हिंदू पुराणों के विद्रान थे ।
√ उन्हें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, केरल संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, केरल राज्य कथकली पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है ।
◆ भारतीय शास्त्रीय नृत्य
√ भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रमुख शैलियों 8 है- कत्थक, भरतनाट्यम, कत्थकली, मणिपुरी, ओडिसी, कुचिपुड़ी, सत्रीया एवं मोहिनीअट्टम ।
√ शास्त्रीय नृत्यों में तांडव और लास्य दो प्रकार के भाव परिलक्षित होते हैं ।
- भरतनाट्यम (तमिलनाडु)
- कत्थकली (केरल)
- मणिपुरी (मणिपुर)
- ओडिसी (ओडिशा)
- कुचीपुड़ी (आंध्र प्रदेश)
- मोहिनीअट्टम (केरल)
- सत्रीया (असम)
- कत्थक (उत्तर प्रदेश, जयपुर)
◆ कत्थकली (केरल)
√ कत्थकली अभिनय, नृत्य और संगीत तीनों का समन्वय है ।
√ यह एक मूकाभिनय है जिसमें हाथ के इशारो और चेहरे की भावनाओं के सहारे अभिनेता अपनी प्रस्तुति देता है ।
√ इस नृत्य के विषयों को रामायण, महाभारत और हिंदू पौराणिक कथाओं से लिया जाता है तथा देवताओ या राक्षसों को दर्शाने के लिए अनेक प्रकार के मुखौटे लगाए जाते हैं ।
√ केरल के सभी प्रारंभिक नृत्य और नाटक जैसे- चकईरकोथु, कोडियाट्टम, मुडियाअटू, थियाट्टम, थेयाम, सस्त्राकली, कृष्णाअट्टम तथा रामाअट्टम आदि कत्थकली की ही देन है ।
√ इसे मुख्यत: पुरुष नर्तक ही करते हैं, जैसे – मुकुंद राज, कोप्पन नायर, शांता राव, गोपीनाथन कृष्णन, वी.एन. मेनन आदि ।