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Current Topic 12 – 08 – 2021

Current Topic 12 – 08 – 2021

UNSC की अध्‍यक्षता करने वाले मोदी भारत के पहले पीएम-
– भारत को अगस्‍त 2021 (एक महीने) के लिए UNSC की अध्‍यक्षता मिली है।
– पहले भी भारत को UNSC की अध्‍यक्षता मिली है, लेकिन किसी प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि डिप्‍लोमैट ने अध्‍यक्षता की है।
– हां, एक बार वर्ष 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव सुरक्षा परिषद की मीटिंग में शामिल हुए थे।
– वर्तमान में संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति हैं।

मोदी की अध्‍यक्षता में UNSC की बैठक में क्‍या हुआ?
– 9 अगस्‍त 2021 को यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सम़ुद्री सुरक्षा पर वर्चुअल ओपन डिबेट हुई।
– वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई इस मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति, यूनाइटेड नेशंस सिस्टम और प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के हाई लेवल ब्रीफर्स ने हिस्सा लिया।
– रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसमें शामिल हुए।
– अध्यक्ष होने के नाते प्रोग्राम की शुरुआत PM मोदी के संबोधन से हुई।

नरेंद्र मोदी के पांच सिद्धांत
– पीएम नरेंद्र मोदी ने समुद्री चुनौतियों से निपटने और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 5 सिद्धांत दिए।

पहला सिद्धांत
– हमें मेरिटाइम ट्रेड में बैरियर्स हटाना चाहिए।
– हम सभी की समृद्धि मेरिटाइम ट्रेड के सक्रिय फ्लो पर निर्भर है। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं।
– फ्री मेरिटाइम ट्रेड भारत की सभ्यता के साथ अनादि काल से जुड़ा है। हजारों साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता का लोथल बंदरगाह समुद्री व्यापार से जुड़ा हुआ था।
– फ्री मेरिटाइम ट्रेड के लिए यह भी जरूरी है कि हम एक-दूसरे के नाविकों के अधिकारों का पूरा सम्मान करें।

दूसरा सिद्धांत :
– समुद्री विवादों का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए।
– आपसी भरोसे और विश्वास के लिए यह बहुत जरूरी है।
– इसी माध्यम से हम वैश्विक शांति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।
– भारत ने इसी समझ और परिपक्वता के साथ अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ अपनी सीमा को सुलझाया है।

तीसरा सिद्धांत :
– हमें प्राकृतिक आपदाओं और नॉन स्टेट एक्टर्स की ओर से पैदा की गई समुद्री चुनौतियों का मिलकर सामना करना चाहिए।
– इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम उठाए हैं। साइक्लोन, सुनामी और प्रदूषण संबंधित समुद्री आपदाओं में हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर रहे हैं।
– पाइरेसी को रोकने के लिए भारतीय नौसेना 2008 से हिंद महासागर में पेट्रोलिंग कर रही है। हमने कई देशों को हाइड्रोग्राफिक सर्वे सपोर्ट और समुद्री सुरक्षा में प्रशिक्षण भी दिया है।

चौथा सिद्धांत :
– हमें समुद्री पर्यावरण और रिसोर्स को संजोकर रखना होगा।
– हम जानते हैं कि समुद्र का क्लाइमेट पर सीधा असर होता है।
– इसलिए हमें अपने समुद्री पर्यावरण को प्लास्टिक जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा।
– ओवर फिशिंग और मरीन कोचिंग के खिलाफ साझा कदम उठाने होंगे।
– हमें ओशन साइंस में भी सहयोग बढ़ाना चाहिए।
– भारत ने एक महत्वाकांक्षी डीप ओशन मिशन लॉन्च किया है।

पांचवा सिद्धांत :
– हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए।
– यह साफ है कि समुद्री कारोबार के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना जरूरी है, लेकिन ऐसे प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट में देशों की आर्थिक स्थिति का भी ध्यान रखना होगा।
– इसके लिए हमें उचित वैश्विक नॉर्म्स और स्टैंडर्ड बनाने चाहिए।


UNSC क्या है?
– UNSC, यूनाइ़टेड नेशंस के 6 प्रमुख अंगों में से एक है।
– इसका काम दुनियाभर में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देकर देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित करना है।
– दरअसल 20वीं सदी के शुरुआती 5 दशकों में ही दुनिया ने दो विश्वयुद्धों की भीषण त्रासदी देखी थी।
– एक ऐसी संस्था की मांग उठने लगी थी जो देशों के बीच शांति और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में काम करे।
– इसी के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थापना हुई।

सुरक्षा परिषद के सदस्‍य
– पांच स्‍थाई सदस्‍य – अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इनके पास वीटो पावर।
– 10 अस्थायी सदस्य – इन अस्थायी सदस्यों का चयन क्षेत्रीय आधार पर दो साल के लिए किया जाता है।

भारत कैसे बना है सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष?
– अंग्रेजी शब्दों के क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर के हिसाब से हर महीने नए सदस्य देश को अध्यक्षता मिलती है।
– अपने 2 साल के कार्यकाल में भारत 2 बार सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनेगा। दूसरी बार दिसंबर 2022 में अध्‍यक्षता मिलेगी।