Current Topic 13 – 06 – 2021
★ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 600 अरब डॉलर के पार पहुंचा
√ देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 600 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर गया है ।
√ भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक 04 जून, 2021 के समाप्त हफ्ते में यह 605 अरब डालर रहा, जो 28 मई, 2021 तक 598 अरब डॉलर था ।
√ इस लिहाज से हफ्तेभर में फॉरेक्स रिजर्व में 6.84 अरब डॉलर की बढ़त दर्ज की गई ।
√ भारत का फॉरेक्स रिजर्व बढ़ने का सीधा सा मतलब है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है ।
√ दुनियाभर में फॉरेक्स रिजर्व के लिहाज से भारत 5वें स्थान पर है, जबकि चीन पहले पायदान पर है ।
√ वही दूसरे पर जापान तीसरे पर स्विजरलैंड तथा चौथे नंबर पर रूस है ।
√ अगर रिजर्व में लगातार बढ़ोतरी जारी रही तो भारत दुनियाभर के टॉप-3 देशों में शुमार हो जाएगा ।
√ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि एक्सपोर्ट बढ़ा है ।
√ वही, इंपोर्ट घटा है ।
√ इसके लिए अलावा डॉलर के मुकाबले रूपए की मजबूती भी सपोर्ट कर रही है ।
√ खाने के तेल और कच्चे तेल दोनों के इंपोर्ट में भी कमी आई है ।
√ फॉरेक्स बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है ।
√ इससे सरकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए पैसा मिलता है ।
√ बता दे कि हर सप्ताह RBI विदेशी मुद्रा रिजर्व के आंकड़े जारी करता है ।
√ इसमें डॉलर के साथ पाउंड और येन रिजर्व के आंकड़े को भी शामिल किया जाता है ।
√ RBI की हालिया MPC बैठक में गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा था कि 4 जून से फॉरेक्स रिजर्व 600 अरब डॉलर को पार कर गया होगा ।
◆ विदेशी मुद्रा भंडार
√ किसी देश/अर्थव्यवस्था के पास उपलब्ध कुल विदेशी मुद्रा उसकी विदेशी मुद्रा संपत्ति/भंडार कहलाती है ।
√ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार मौद्रिक और विनिमय दर प्रबंधन के लिए निर्मित नीतियों में समर्थन और विश्वास बनाए रखने जैसे उद्देश्यों के लिए रखे जाते हैं ।
√ संकट के समय जब उधार लेने तक पहुँच कम हो जाती है, तो विदेशी मुद्रा तरलता बनाए रखते हुए इस संकट को अवशोषित करने में मदद करती है ।
◆ किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित 4 तत्व शामिल होते हैं-
- विदेशी परिसंपत्तियों ( विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बॉण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा में)
- स्वर्ण भंडार
- IMF के पास रिज़र्व कोष
- विशेष आहरण अधिकार