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Current Topic 14 – 05 – 2021

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★ WHO द्वारा ‘वायरस के भारतीय वेरिएंट’ का ‘वैश्विक रूप से चिंताजनक’ के रूप में किया वर्गीकृत

√ हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ‘कोरोना वायरस वेरिएंट B.1.617 को ‘वैश्विक चिंता का विषय’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है ।

√ वायरस का यह ‘प्रकार’ सबसे पहले भारत में देखा गया था ।

√ इसलिए इसे ‘भारतीय वेरिएंट’ कहां जा रहा है ।

√ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि भारत में पिछले साल पहली बार सामने आया कोरोना वायरस का B1.617 स्वरूप 44 देशों में पाया गया है और यह ‘स्वरूप चिंताजनक’ है ।

√ कोविड-19 का B.1.617 स्वरूप सबसे पहले भारत में अक्टूबर, 2020 में देखा गया ।

√ WHO द्वारा भारत में स्थिति के हालिया आकलन में भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने और तेज होने में कई कारकों का योगदान होने की आशंका जताई गई है ।

√ इस वायरस वेरियंट को मई, 2021 में ब्रिटेन के अधिकारियों द्वारा ‘अन्वेषणाधीन वैरीएंट’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था ।

√ अभी तक यह वेरियंट, 17 से अधिक देशों में फैल चुका है ।

◆ भारत के लिए चिंता का विषय

√ पिछले हफ्ते भारत सरकार ने कहा है कि कुछ राज्यों में कोरोनावायरस मामलों की हालिया वृद्धि का कारण ‘डबल म्यूटेंट वेरियंट’ कहा जाने वाला यह वायरस वैरीएंट हो सकता है ।

◆ वायरस का रूपांतरण किस प्रकार और क्यों होता है ?

√ वायरस के प्रकारों में एक या एक से अधिक उत्परिवर्तन होते हैं, जो इस नए रूपांतरित प्रकार को, माजूदा अन्य वायरस वैरीएंट्स से अलग करते हैं ।

√ दरअसल वायरस का लक्ष्य एक ऐसे चरण तक पहुंचाना होता है जहां वह मनुष्यों के साथ रह सके, क्योंकि उसे जीवित रहने के लिए एक पोषक की जरूरत होती है ।

√ विषाणुजनित RNA में होने वाली त्रुटियों को उत्परिवर्तन कहा जाता है, और इस प्रकार उत्परिवर्तित वायरस को ‘वैरीअंट’ कहा जाता है ।

√ एक या कई उत्परिवर्तनो से निर्मित हुए ‘वेरियंट’ परस्पर एक-दूसरे से भिन्न हो सकते हैं ।

◆ SARS-CoV-2 वायरस

√ पूरे विश्व में इस वायरस से बड़े स्तर पर लोग संक्रमित हो चुके हैं, और इसी वजह से यह अधिक तेजी से फैल रहा है ।

√ बड़े स्तर पर वायरस के फैलने का तात्पर्य यह है, कि वायरस अपनी प्रतिकृतियों तेजी से बनाने में सक्षम होता है, जिससे इसे रूपांतरण करने में आसानी होती है ।

√ 1.617 वेरियंट के E484Q और L425R, नामक दो ‘उत्परिवर्तनो’ की पहचान की चुकी है ।

√ ये दोनों उत्परिवर्तन, कई अन्य कोरोनावायरस वेरिएंट में अलग-अलग पाए जाते हैं, लेकिन भारत में यह दोनों पहली बार एक साथ देखे गए हैं ।