Current Topic 20 – 05 – 2021
★अब ऑनलाइन धोखेबाजो पर कसेगी नकेल, IIT रोपड़ ने विकसित किया ‘फैक-बस्टर’ डिटेक्टर
√ पंजाब स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ और मॉनाश यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधानकर्ताओं ने ‘फेक-बस्टर’ नामक एक ऐसा अनोखा डिटेक्टर ईजाद किया है ।
√ वह किसी भी ऑनलाइन फरेबी का पता लगा सकता है ।
√ विदित हो की ऐसे फरेबी बिना किसी की जानकारी के वर्चुअल सम्मेलन में घुस जाते हैं ।
√ इस तकनीक के जरिए सोशल मीडिया में भी फरेबियो को पकड़ा जा सकता है ।
√ जो किसी को बदनाम करने या उसका मजाक उड़ाने के लिए उसके चेहरे की आड़ लेते हैं ।
√ मौजूदा महामारी के दौर में ज्यादातर कामकाज और आधिकारिक बैठके ऑनलाइन हो रही है ।
√ इस अनोखी तकनीक से पता लगाया जा सकता है कि किस व्यक्ति के वीडियो के साथ छेड-़छाड़ की जा रही है या वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कौन घुसपैठ कर रहा है ।
√ इस तकनीक से पता चल जाएगा कि कौन फरेबी वेबीनार या वर्चुअल बैठक में घुसा है ।
√ ऐसी घुसपैठ अक्सर आपके सहकर्मी या वाजिद सदस्य की फोटो के साथ खिलवाड़ करके की जाती है ।
√ इस तकनीक पर एक पेपर ‘फेक-बस्टर: ए डिपफेक्स डिटेक्शन टूल और वीडियो कॉन्फ्रेसिंग सिनेरियोज’ को पिछले महीने अमेरिका में आयोजित इंटेलिजेंट यूज़र इंटरफ़ेस में 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किया गया था ।
√ वीडियो या विजुअल हेरफेर करने को ‘डिपफेक्स’ कहा जाता है ।
√ ऑनलाइन परीक्षा या नौकरी के लिये होने वाले साक्षात्कार के दौरान भी इसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है ।
√ दीपफेक् डिटेक्शन टूल ‘फेक-बस्टर’ ऑनलाइन और ऑफलाइन’ दोनों तरीके से काम करता है ।
√ इसे मौजूदा समय में लैपटॉप ओर डेस्कटॉप इस्तेमाल किया जा सकता है ।
√ ‘फेक-बस्टर’ सॉफ्टवेयर ऐसा पहला टूल है’ जो डीपफेक डिटेक्शन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान फरेबियो को पकड़ता है ।
√ इस डिवाइस का परीक्षण हो चुका है और जल्द ही इसे बाजार में उतार दिया जाएगा ।